‘शूद्र कौन थे' पुस्तक की रचना डॉ. ऑम्बेडकर जी ने अंग्रेज इतिहासकारों द्वारा लिखे गये भारत के झूठे इतिहास और प्रंपचों के विरुद्ध की थी। पुस्तक में उन्होंने ‘शूद्र निम्न नहीं थे, मीनियल नहीं थे,' यह प्रमाणित करने की कोशिश की है। इस पुस्तक में वस्तुत: उनको, उनको उन झूठे अंग्रेज इतिहासकारों को निशाने पर लेना था, जिन्होंने आर्यन, इन्डो आर्यन और एबॉरिजिन्स (मूल निवासी) जैसी झूठी और आधारहीन परिकल्पनाओं की रचना की, न कि ब्राह्मणों और उनके द्वारा रचित ग्रंथों को दोषी प्रमाणित करने का कार्य करना चाहिए था, जिसके कारण आज सामाजिक और राष्ट्रीय एकता की सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा है।