किसान को उसकी उपज का वास्तविक मूल्य चाहिए; मजदूर को अपनी क्रयशक्ति का महँगाई के साथ संबंध चाहिए; उद्यमी व व्यापारी को वह वातावरण चाहिए, जहाँ उसे कार्य करने की स्वतंत्रता हो; छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा प्रणाली चाहिए; नागरिकों को सस्ता व सुलभ न्याय चाहिए, सस्ती व उत्तम स्वास्थ्य सेवाएँ चाहिए, सरल करनीति चाहिए, भ्रष्टाचार और शोषण से मुक्ति चाहिए; देश को सांप्रदायिक सौहार्द चाहिए। लेखक के अनुसार नागरिकों की आय में वृद्धि करके, बुनियादी ढाँचे का विकास करके, बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करके, गरीबी समाप्त कर हम एक लंबी छलाँग लेकर 15 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं।प्रस्तुत पुस्तक 'संपू�... See more
किसान को उसकी उपज का वास्तविक मूल्य चाहिए; मजदूर को अपनी क्रयशक्ति का महँगाई के साथ संबंध चाहिए; उद्यमी व व्यापारी को वह वातावरण चाहिए, जहाँ उसे कार्य करने की स्वतंत्रता हो; छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा प्रणाली चाहिए; नागरिकों को सस्ता व सुलभ न्याय चाहिए, सस्ती व उत्तम स्वास्थ्य सेवाएँ चाहिए, सरल करनीति चाहिए, भ्रष्टाचार और शोषण से मुक्ति चाहिए; देश को सांप्रदायिक सौहार्द चाहिए। लेखक के अनुसार नागरिकों की आय में वृद्धि करके, बुनियादी ढाँचे का विकास करके, बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करके, गरीबी समाप्त कर हम एक लंबी छलाँग लेकर 15 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं।प्रस्तुत पुस्तक 'संपूर्ण समाधान' लोकतंत्र की धुरी - लोक को समर्पित है, जिसमें फास्ट फॉरवर्ड टू 15 ट्रिलियन इकोनॉमी के रोडमैप के साथ श्री राजेंद्र गोयनका का जीवन लोकहित चिंतन को समर्पित है। 'संपूर्ण समाधान' इन विभिन्न समस्याओं का समाधान खोजने का सार्थक प्रयास है। यह पुस्तक देश के नीति निर्माताओं के लिए मार्गदर्शक का काम करेगी।