बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न साहित्यकार के अवदान का कोई भी लेखा–जोखा पहली दिक्कत यह पेश करता है कि उसके कृतित्व के किस भाग में उसकी सर्जनात्मक प्रतिभा सबसे ज्यादा निखरी है, यह तय कर पाना मुश्किल काम दिखता है । ऊपर से अपने व्यक्तित्व के कुछ आयामों से किंचित आक्रांत करने वाला अज्ञेय जैसा साहित्यकार हो तो सर्जनात्मक अवदान की बजाय व्यक्तिगत आग्रह–दुराग्रह पर बात टिकने का खतरा भी बना रहता है । तार–सप्तकों की योजना बनाना और कवियों की पीढ़ियों की चुनिंदा रचनाओं को विस्तृत भूमिका के साथ पाठकों के सामने रखना, अज्ञेय का हिंदी काव्य के लिए ऐतिहासिक काम था । अज्ञेय न केवल सिर्फ बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न कलाकार थे, उनका �... See more
बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न साहित्यकार के अवदान का कोई भी लेखा–जोखा पहली दिक्कत यह पेश करता है कि उसके कृतित्व के किस भाग में उसकी सर्जनात्मक प्रतिभा सबसे ज्यादा निखरी है, यह तय कर पाना मुश्किल काम दिखता है । ऊपर से अपने व्यक्तित्व के कुछ आयामों से किंचित आक्रांत करने वाला अज्ञेय जैसा साहित्यकार हो तो सर्जनात्मक अवदान की बजाय व्यक्तिगत आग्रह–दुराग्रह पर बात टिकने का खतरा भी बना रहता है । तार–सप्तकों की योजना बनाना और कवियों की पीढ़ियों की चुनिंदा रचनाओं को विस्तृत भूमिका के साथ पाठकों के सामने रखना, अज्ञेय का हिंदी काव्य के लिए ऐतिहासिक काम था । अज्ञेय न केवल सिर्फ बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न कलाकार थे, उनका जीवन भी बहुआयामी गतिवि/िायों से भरा था । फौजी जीवन ने उन्हें भारत के ऐसे क्षेत्रों में जाने का अवसर दिया था जो उस समय के अन्य साहित्यकारों के लिए अगम्य थे । सैनिक जीवन के अनुभवों से कथा–साहित्य को समृद्ध करने का अज्ञेय जैसा उदाहरण दूसरा नहीं है । इस पुस्तक में अज्ञेयजी की 70 कहानियों का संकलन प्रस्तुत किया गया । सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ कवि, कथाकार, ललित–निबन्/ाकार, सम्पादक और सफल अ/यापक थे । उनका जन्म उत्तर प्रदेश के