शोध प्रारूप और परिकल्पनाओं को रचना करने के बाद शोधकर्ता का प्रमुख लक्ष्य अध्ययन के लिए समकों का संकलन करना होता है समंकों के संकलन के लिए वह उन स्रोत्तों की खोज करता है, जिनसे शोध अध्ययन के लिए पर्याप्त मात्रा में समंक उपलब्ध हो सके . प्रस्तुत पुस्तक शोध प्रविधि की रचना करते समय शोध प्रविधि से सम्बन्धित सभी आवष्यक अवयवों , तथ्यों , पहलों का समावेष किया गया है राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (N.C.T.E.) के मापदण्डानुसार होने से इस विषय-वस्तु को पुरे भारतवर्ष में कही भी अध्ययन में सम्मिलित किया जा सकता है . पुस्तक के अनुक्रम इस प्रकार है -शोध ,वैज्ञानिक पद्धति, सनुसन्धानातमक समस्या का निर्णयन ,अनुसन्धान का प्रारूप ,संक... See more
शोध प्रारूप और परिकल्पनाओं को रचना करने के बाद शोधकर्ता का प्रमुख लक्ष्य अध्ययन के लिए समकों का संकलन करना होता है समंकों के संकलन के लिए वह उन स्रोत्तों की खोज करता है, जिनसे शोध अध्ययन के लिए पर्याप्त मात्रा में समंक उपलब्ध हो सके . प्रस्तुत पुस्तक शोध प्रविधि की रचना करते समय शोध प्रविधि से सम्बन्धित सभी आवष्यक अवयवों , तथ्यों , पहलों का समावेष किया गया है राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (N.C.T.E.) के मापदण्डानुसार होने से इस विषय-वस्तु को पुरे भारतवर्ष में कही भी अध्ययन में सम्मिलित किया जा सकता है . पुस्तक के अनुक्रम इस प्रकार है -शोध ,वैज्ञानिक पद्धति, सनुसन्धानातमक समस्या का निर्णयन ,अनुसन्धान का प्रारूप ,संकल्पना, संकलित, निरीक्षण, तालिका वर्गीकृत , मौखिक , वैयक्तिक अध्ययन पद्धति ,निर्देशन ,सारणीयन, केंद्रीय प्रवृति का मापन ,तथ्यों की व्याख्या तथा प्रतिचयन ,संगणक और शोध . पुस्तक को भिन्न विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमानुसार तैयार किया गया है इस प्रकार यह पुस्तक बी. एड. एम्.एड. तथा डी.एड..के विद्यार्थियों, परीक्षाओं व अध्यापकों के लिए एक उपयोगी पाठय सामग्री सिद्ध होगी .