कार्ल मार्क्स का जन्म ५ मई, १८१८ ई० को ट्रीर (ट्रेव्स) नगर में हुआ था, जो पश्चिमी जर्मनी के राइनलैंड के वेस्टफालिया इलाके में है। औद्यौगिक युग के लिये सभी सामग्री वहाँ मौजूद हैं, क्योंकि लोहे-कोयले आदि की बड़ी-बड़ी खानें यहीं पर हैं, इसीलिये आगे चलकर राइनलैंड जर्मनी का हथियारखाना बन गया। १९वीं सदी के प्रथम पाद में सामन्तवाद के भारी प्रभाव में होते भी जर्मनी लोहे, कोयले आदि के बारे में उदासीन कैसे रह सकता था ? इसीलिये राइनलैंड उद्योग-प्रधान होने लगा था, जिसका परिणाम था वहाँ पूँजीवाद और पूँजीपतियों के प्रभाव में वृद्धि। बर्लिन, लाइप्जिग कोइनिग्सवर्ग के पुराने नगर अब कोलोन से पीछे पड़ते जा रहे थे, जो औद्योगिक रा�... See more
कार्ल मार्क्स का जन्म ५ मई, १८१८ ई० को ट्रीर (ट्रेव्स) नगर में हुआ था, जो पश्चिमी जर्मनी के राइनलैंड के वेस्टफालिया इलाके में है। औद्यौगिक युग के लिये सभी सामग्री वहाँ मौजूद हैं, क्योंकि लोहे-कोयले आदि की बड़ी-बड़ी खानें यहीं पर हैं, इसीलिये आगे चलकर राइनलैंड जर्मनी का हथियारखाना बन गया। १९वीं सदी के प्रथम पाद में सामन्तवाद के भारी प्रभाव में होते भी जर्मनी लोहे, कोयले आदि के बारे में उदासीन कैसे रह सकता था ? इसीलिये राइनलैंड उद्योग-प्रधान होने लगा था, जिसका परिणाम था वहाँ पूँजीवाद और पूँजीपतियों के प्रभाव में वृद्धि। बर्लिन, लाइप्जिग कोइनिग्सवर्ग के पुराने नगर अब कोलोन से पीछे पड़ते जा रहे थे, जो औद्योगिक राजधानी होने से प्रमुख स्थान ग्रहण करने लगा था। राइनलैंड जहाँ एक ओर जर्मनी का हथियारखाना है, वहाँ वह फ्रांस की सीमा पर पड़ता है, इसीलिये आगे लोहे-कोयले की यह भूमि फ्रांस के साम्राज्यवादियों के लिये सिरदर्द का कारण बन गई। इस प्रकार अपनी बाल्य आँखों से ही कार्ल को नई पूँजीवादी दुनिया के वातावरण में साँस लेने का मौका मिला। - इसी पुस्तक से