संभाजी महाराज की नजर महादजी की ओर जाती है। यह सही बातें कहने और करने का समय है। अभी वे जो करेंगे, वह उनके देश की नियति बदल देगा। वे मराठी में कहते हैं, ''महादजी, आबा साहिब ने हर सैनिक के जीवन का सम्मान किया। वे चाहते थे कि हम बेवजह शहादत से बचें और जीवित रहें, ताकि हम स्वराज के लिए, मराठा राष्ट्र के लिए एक और लड़ाई लड़ सकें, लेकिन उन्होंने कभी भी मराठा राष्ट्र के बदले में जीवन को गले नहीं लगाया होता।संभाजी महाराज फर्श पर एक ढेर की तरह गिर जाते हैं। वे जानते हैं कि कुछ ही दिनों में उनकी आँखें निकाल ली जाएँगी। लेकिन औरंगजेब बस इतना ही कर सकता है। संभाजी महाराज मराठों के दिलों में एक आग जला जाएँगे और वे दावानल में बदल जाए�... See more
संभाजी महाराज की नजर महादजी की ओर जाती है। यह सही बातें कहने और करने का समय है। अभी वे जो करेंगे, वह उनके देश की नियति बदल देगा। वे मराठी में कहते हैं, ''महादजी, आबा साहिब ने हर सैनिक के जीवन का सम्मान किया। वे चाहते थे कि हम बेवजह शहादत से बचें और जीवित रहें, ताकि हम स्वराज के लिए, मराठा राष्ट्र के लिए एक और लड़ाई लड़ सकें, लेकिन उन्होंने कभी भी मराठा राष्ट्र के बदले में जीवन को गले नहीं लगाया होता।संभाजी महाराज फर्श पर एक ढेर की तरह गिर जाते हैं। वे जानते हैं कि कुछ ही दिनों में उनकी आँखें निकाल ली जाएँगी। लेकिन औरंगजेब बस इतना ही कर सकता है। संभाजी महाराज मराठों के दिलों में एक आग जला जाएँगे और वे दावानल में बदल जाएँगे, जो औरंगजेब के सपनों को जलाकर राख कर देंगे। युद्ध चलता रहेगा लेकिन वह कभी दक्कन नहीं जीत पाएगा।9789390900800महान् योद्धा और कुशल प्रशासक, छत्रपति शिवाजी महाराज, जो महान् मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे और उन्होंने ही अपने लोगों के मन में मराठा अस्मिता की भावना को जाग्रत् किया।ऐसे समय में जब मुगल साम्राज्य अपनी बुलंदियों को छू रहा था, तब शिवाजी ही एकमात्र ऐसे थे, जिन्होंने बादशाह औरंगजेब की ताकत को चुनौती देने का साहस दिखाया। उन्होंने अपनी साधारण सी 2,000 सैनिकों की सेना को धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 1,00,000 की क्षमता तक पहुँचाया। अनुशासित सैन्य प्रणाली, सुगठित प्रशासनिक संरचना और पूर्णतया परंपरागत समाज की सहायता से मराठा सेना जल्दी ही ऐसी विलक्षण सैन्य शक्ति बन गई जो भारत में मुगलों को टक्कर दे सकती थी।