एक वक्त आएगा जब तुम्हें हर चीज़ की समझ आजाएगी फिर तुम्हारी हंसी ख़त्म हो जाएगी ! तब तुम्हें ख़ौफ़ आने लगेगा मौत से भी और दोजख से भी ! अल्लाह तुम्हें सब कुछ दिखा और बता देगा। ! kitabmart पीरे कामिल के पास हर किसी के लिए एक संदेश है। जीवन में एक क्षण आता है जब उसे रोशनी और अंधेरे के बीच फ़ैसला करना होता है। रोशनी में भी आदमी को सावधानी से चलने की जरूरत होती है। अंधेरे में जब सामने की चीज दिखाई ही न दे तो इस बात से बहुत फर्क नहीं पड़ता है कि कोई क्या करने की सलाहियत रखता है। लेकिन कुदरत आम तौर पर दूसरा मौका जरूर देती है, ताकि आदमी फिर से विचार करे और खुद को अंधेरे से निकाल कर रोशनी की ओर ले आए। ऐसे मौक़े पर एक आवाज़ मार्गदर्शन करती... See more
एक वक्त आएगा जब तुम्हें हर चीज़ की समझ आजाएगी फिर तुम्हारी हंसी ख़त्म हो जाएगी ! तब तुम्हें ख़ौफ़ आने लगेगा मौत से भी और दोजख से भी ! अल्लाह तुम्हें सब कुछ दिखा और बता देगा। ! kitabmart पीरे कामिल के पास हर किसी के लिए एक संदेश है। जीवन में एक क्षण आता है जब उसे रोशनी और अंधेरे के बीच फ़ैसला करना होता है। रोशनी में भी आदमी को सावधानी से चलने की जरूरत होती है। अंधेरे में जब सामने की चीज दिखाई ही न दे तो इस बात से बहुत फर्क नहीं पड़ता है कि कोई क्या करने की सलाहियत रखता है। लेकिन कुदरत आम तौर पर दूसरा मौका जरूर देती है, ताकि आदमी फिर से विचार करे और खुद को अंधेरे से निकाल कर रोशनी की ओर ले आए। ऐसे मौक़े पर एक आवाज़ मार्गदर्शन करती हुई महसूस होती है और वही उसे रोशनी की ओर ले जाती है, यानी पीरे कामिल की आवाज। उमैरा अहमद सियालकोट, पाकिस्तान की रहनेवाली एक नावेलनिगार, अफ़सानानिगार और स्क्रिप्ट राइटर हैं। उन्होंने मुर्रे कॉलेज, सियालकोट से अंग्रेजी साहित्य में पीजी किया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए लिखने से पहले, उन्होंने सियालकोट के आर्मी पब्लिक कॉलेज के कैम्ब्रिज विंग में एक टीचर के रूप में काम किया। उन्होंने अब तक 21 किताबें लिखी हैं, जिनमें नावेल, कहानी संग्रह और ड्रामा शामिल हैं। उनके सात ड्रामों पर टीवी सीरियल बन चुके हैं।