ओ हेनरी (विलियम सिडनी पोर्टर) का जन्म 11 सितंबर, 1862 को ग्रींसबरो, उत्तर कैरोलिना में हुआ। 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने स्कूल छोड़ दिया, पर उनकी पढ़ने-लिखने की लगन नहीं छूटी। 19 वर्ष की अवस्था में वह अपना स्वास्थ्य सुधारने के लिए टेक्सास चले गए। अपने 15 वर्ष के टेक्सास प्रवास में उन्होंने विवाह किया और एक पुत्री के पिता बने। उनकी ‘हृदय परिवर्तन’ कहानी के आधार पर खेला गया ‘उर्फ जिम्मी वैलंटाइन’ नामक नाटक उस समय का सर्वश्रेष्ठ नाटक सिद्ध हुआ। ओ. हेनरी की लेखन कला उनकी दूसरी पुस्तक ‘द फोस मिलियन’ में निखर उठी, जिससे उन्हें बड़ी लोकप्रियता मिली। 40 वर्ष बाद उनकी ‘उपहार’ कहानी पर चलचित्र बना। उनकी अन्य कहानियों के कई संक... See more
ओ हेनरी (विलियम सिडनी पोर्टर) का जन्म 11 सितंबर, 1862 को ग्रींसबरो, उत्तर कैरोलिना में हुआ। 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने स्कूल छोड़ दिया, पर उनकी पढ़ने-लिखने की लगन नहीं छूटी। 19 वर्ष की अवस्था में वह अपना स्वास्थ्य सुधारने के लिए टेक्सास चले गए। अपने 15 वर्ष के टेक्सास प्रवास में उन्होंने विवाह किया और एक पुत्री के पिता बने। उनकी ‘हृदय परिवर्तन’ कहानी के आधार पर खेला गया ‘उर्फ जिम्मी वैलंटाइन’ नामक नाटक उस समय का सर्वश्रेष्ठ नाटक सिद्ध हुआ। ओ. हेनरी की लेखन कला उनकी दूसरी पुस्तक ‘द फोस मिलियन’ में निखर उठी, जिससे उन्हें बड़ी लोकप्रियता मिली। 40 वर्ष बाद उनकी ‘उपहार’ कहानी पर चलचित्र बना। उनकी अन्य कहानियों के कई संकलन प्रकाशित हुए, जैसे ‘स्नेह दीप’ (1907), ‘पश्चिम की आत्मा’ (1907), ‘शहर की आवाज’ (1908), ‘भाग्य-चक्र’, ‘विकल्प’ (1909), ‘धंधे की बात’, ‘जीवन-चक्र’ (1910)। उनकी मृत्यु के बाद तीन पुस्तकें और छपीं—‘सफेदपोश ठग’, ‘आवारा’ और ‘भूले-भटके’। 47 वर्ष की छोटी सी