मेरा जन्म मुजफ्फरपुर के मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ, जो मूलतः उत्तर प्रदेश के निवासी थे और एक पीढ़ी पहले मुजफ्फरपुर आकर बसे थे. यहीं पर १२वी तक पढ़ाई करने के बाद IIT Kanpur से mathematics में मास्टर की पढाई पूरी कर मुंबई चला आया. बचपन से ही कहानियों और कल्पनाओं की दुनिया आकर्षित करती थी. शुरु में कई फिल्म की कहानियाँ लिखने में जुड़ा, मगर बात नहीं बनी.इसी बीच मैंने विदेशी फिल्मों का हिंदी अनुवाद करना शुरु कर दिया था.२ साल के अन्दर करीब ८० से भी ज्यादा फिल्मों का अनुवाद किया.असली लेखन टीवी में हुआ,पहला शो था जी टीवी का “अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजो”. कहानी बिहार के गांव की थी, मुझे जमकर बहुत करीबी अनुभव था. फिर एक के बाद एक करीब १५ से भ... See more
मेरा जन्म मुजफ्फरपुर के मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ, जो मूलतः उत्तर प्रदेश के निवासी थे और एक पीढ़ी पहले मुजफ्फरपुर आकर बसे थे. यहीं पर १२वी तक पढ़ाई करने के बाद IIT Kanpur से mathematics में मास्टर की पढाई पूरी कर मुंबई चला आया. बचपन से ही कहानियों और कल्पनाओं की दुनिया आकर्षित करती थी. शुरु में कई फिल्म की कहानियाँ लिखने में जुड़ा, मगर बात नहीं बनी.इसी बीच मैंने विदेशी फिल्मों का हिंदी अनुवाद करना शुरु कर दिया था.२ साल के अन्दर करीब ८० से भी ज्यादा फिल्मों का अनुवाद किया.असली लेखन टीवी में हुआ,पहला शो था जी टीवी का “अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजो”. कहानी बिहार के गांव की थी, मुझे जमकर बहुत करीबी अनुभव था. फिर एक के बाद एक करीब १५ से भी ज्यादा टीवी सीरियल लिखने का मौक़ा मिला.आहट और CID जैसे सुपर हिट शो में मेरी कहानियों को दर्शकों और टीम की तरफ से काफी सराहना मिली. कुछ साल टीवी लिखने के बाद मुझे एक कमी खटकने लगी. मैं कहानी के पात्रों को और जीना चाहता था, जिसका एक रास्ता नॉवेल लेखनी में समझ आया. जिसमें टीवी जैसी बंदिश नहीं है.आजकल नॉवेल लिखता हूँ ताकी पाठकों तक अपनी कहानियाँ पहुँचा सकूं.