29 नवंबर 1966 को उत्तरकाशी में जन्म। पैतृक गाँव उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले का ग्राम हल्दुवा। स्कूली शिक्षा बिड़ला विद्यामंदिर, नैनिताल से। ‘देखता हूँ सपने’ शीर्षक से कविता-संग्रह 1992 में छपा। विश्व साहित्य से कविता, उपन्यास और गद्य के अनुवादों की क़रीब दो दर्जन पुस्तकें, एक कथा-संग्रह ‘बब्बन कार्बोनेट’ और महिला-विमर्श पर आधारित पुस्तक ‘तारीख़ में औरत’ प्रकाशित। लातीन अमेरिका और यूरोप के अलावा सुदूर हिमालयी इलाक़ों की सीमांत घाटियों की अनेक लंबी यात्राएँ। इनमें से कुछ के विवरण पुस्तकों की सूरत में छपे हैं जिनमें ‘थ्रोन ऑफ़ द गॉड्स’, ‘अनडॉन्टेड स्ट्राइड्स’ और ‘द सॉन्ग सुप्रीम’ प्रमुख हैं। तिब्बत की कविता ... See more
29 नवंबर 1966 को उत्तरकाशी में जन्म। पैतृक गाँव उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले का ग्राम हल्दुवा। स्कूली शिक्षा बिड़ला विद्यामंदिर, नैनिताल से। ‘देखता हूँ सपने’ शीर्षक से कविता-संग्रह 1992 में छपा। विश्व साहित्य से कविता, उपन्यास और गद्य के अनुवादों की क़रीब दो दर्जन पुस्तकें, एक कथा-संग्रह ‘बब्बन कार्बोनेट’ और महिला-विमर्श पर आधारित पुस्तक ‘तारीख़ में औरत’ प्रकाशित। लातीन अमेरिका और यूरोप के अलावा सुदूर हिमालयी इलाक़ों की सीमांत घाटियों की अनेक लंबी यात्राएँ। इनमें से कुछ के विवरण पुस्तकों की सूरत में छपे हैं जिनमें ‘थ्रोन ऑफ़ द गॉड्स’, ‘अनडॉन्टेड स्ट्राइड्स’ और ‘द सॉन्ग सुप्रीम’ प्रमुख हैं। तिब्बत की कविता पर विशेष कार्य। यात्रावृत्तों के अलावा सिनेमा, खेल, हिमालय, चित्रकला और संगीत जैसे विषयों पर लेखन पिछले तीस सालों से अख़बारों-पत्रिकाओं में छपता रहा है। चर्चित ब्लॉग ‘कबाड़ख़ाना’ और उत्तराखंड की संस्कृति पर आधारित पहली वेबसाइट ‘काफल ट्री’ के संस्थापक-संपादक। हल्द्वानी में रहते हैं। यह पहला उपन्यास।