“कुछ अपने अंदाज़” अंकुर तिवारी द्वारा लिखी गई एक उत्कृष्ट पुस्तक है, जिसमें शायरी और कविताओं का संग्रह है। यह पुस्तक वीर रस, श्रृंगार रस, और वियोग रस की अनूठी मिश्रण प्रस्तुत करती है। अन्कुर तिवारी, प्रयागराज के नए पीढ़ी के लेखक हैं, जिन्होंने अपने अनोखे अंदाज़ में साहित्यिक योगदान दिया है। तिवारी की लेखनी में नवीनता और पारंपरिकता का मेल है। उनकी शायरी और कविताएँ जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूती हैं, जिसमें प्रेम, वीरता, और वियोग के रंग बिखरे हुए हैं। पुस्तक के हर पन्ने पर भावनाओं का सागर उमड़ता है, जो पाठकों को अपने में समेट लेता है। अंकुर तिवारी की भाषा सरल और प्रभावशाली है, जो सीधे दिल तक पहुँचती है। उनकी कवि�... See more
“कुछ अपने अंदाज़” अंकुर तिवारी द्वारा लिखी गई एक उत्कृष्ट पुस्तक है, जिसमें शायरी और कविताओं का संग्रह है। यह पुस्तक वीर रस, श्रृंगार रस, और वियोग रस की अनूठी मिश्रण प्रस्तुत करती है। अन्कुर तिवारी, प्रयागराज के नए पीढ़ी के लेखक हैं, जिन्होंने अपने अनोखे अंदाज़ में साहित्यिक योगदान दिया है। तिवारी की लेखनी में नवीनता और पारंपरिकता का मेल है। उनकी शायरी और कविताएँ जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूती हैं, जिसमें प्रेम, वीरता, और वियोग के रंग बिखरे हुए हैं। पुस्तक के हर पन्ने पर भावनाओं का सागर उमड़ता है, जो पाठकों को अपने में समेट लेता है। अंकुर तिवारी की भाषा सरल और प्रभावशाली है, जो सीधे दिल तक पहुँचती है। उनकी कविताओं में जीवन का यथार्थ और भावनाओं का प्रवाह मिलता है, जो हर उम्र के पाठकों को प्रभावित करता है। "कुछ अपने अंदाज़" तिवारी की संवेदनशीलता और उनकी साहित्यिक दृष्टि का अद्वितीय प्रमाण है। प्रयागराज की साहित्यिक धरोहर को तिवारी ने अपने शब्दों के माध्यम से नया आयाम दिया है। उनके लेखन में पारंपरिक भारतीय साहित्य की झलक मिलती है, जबकि उनकी सोच आधुनिक और प्रगतिशील है। "कुछ अपने अंदाज़" न केवल शायरी प्रेमियों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए है जो साहित्य में गहराई और सजीवता की तलाश करता है।