भारतीय ज्योतिष विद्वान पाश्चात्य ज्योतिष शास्त्र की पुस्तकों की अनुपलब्धता के कारण एक भ्रामक मनोस्थिति रखते हैं कि पाश्चात्य देशों में पूर्व जन्म को नहीं माना जाता है जबकि वहाँ के विद्वानों ने इस पर गहन अध्ययन किया है। पाश्चात्य देशों के विद्वानों ने 'वैदिक ज्योतिष' की महत्ता को समझ कर भारतीय ज्योतिष से अपने ज्ञान का संवर्धन किया और पूर्व जन्म के ऋणों या कर्म पर अपने शोधों का विस्तार किया और 'कार्मिक ज्योतिष' की रचना की।
कार्मिक ज्योतिष की संकल्पना एक नया ज्योतिषीय समावेश है, जो पारंपरिक व्याख्याओं के प्रति मानवीय दृष्टिकोण में और अधिक आध्यात्मिकता को लेकर आया है। मैं सदियों से इतने सारे लोगों द्वारा �... See more
भारतीय ज्योतिष विद्वान पाश्चात्य ज्योतिष शास्त्र की पुस्तकों की अनुपलब्धता के कारण एक भ्रामक मनोस्थिति रखते हैं कि पाश्चात्य देशों में पूर्व जन्म को नहीं माना जाता है जबकि वहाँ के विद्वानों ने इस पर गहन अध्ययन किया है। पाश्चात्य देशों के विद्वानों ने 'वैदिक ज्योतिष' की महत्ता को समझ कर भारतीय ज्योतिष से अपने ज्ञान का संवर्धन किया और पूर्व जन्म के ऋणों या कर्म पर अपने शोधों का विस्तार किया और 'कार्मिक ज्योतिष' की रचना की।
कार्मिक ज्योतिष की संकल्पना एक नया ज्योतिषीय समावेश है, जो पारंपरिक व्याख्याओं के प्रति मानवीय दृष्टिकोण में और अधिक आध्यात्मिकता को लेकर आया है। मैं सदियों से इतने सारे लोगों द्वारा किए गए कार्यों के लिए उनके ज्ञान में योगदान को नमन करता हूँ। इस ज्ञान ने जीवन क्या है, इसकी समझ को बदल दिया है, मुझे और लाखों अन्य लोगों को हमारे जीवन को समझने के लिए सक्षम बनाया है। वैदिक ज्योतिष में जीवन के बहुत से महत्त्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला गया है, लेकिन वक्त के साथ साथ कई नए आयाम भी मानव जीवन में जुड़ते चले गए और उन विषयों पर ग्रहों के प्रभावों का पाश्चात्य ज्योतिष में गहन अध्ययन किया गया है। उन अध्ययनों का समावेश इस पुस्तक में किया गया है।