श्री फूलचंद यादव का जन्म बस्ती जिले के अहरा नामक गाँव के एक धार्मिक परिवार में हुआ था। इनकी प्राथमिक शिक्षा घर पर ही रामायण से हुई तथा सीधे चौथी कक्षा में एडमिशन हुआ। गोरखपुर विश्वविद्यालय से उच्चशिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् मगहर, संत कबीर नगर तथा जनता इंटर कॉलेज, लालगंज, बस्ती में अध्यापन कार्य करने लगें। अध्यापन के साथ-साथ टीचर वेलफेयर यूनियन, धर्म एवं समाज सेवा जैसे कई सामाजिक कार्यों से जुड़े रहें । 27 अगस्त, 2022 में इनका देहावसान हो गया। फूलचंद जी हृदय से कवि थे और गद्य मात्र वैचारिक साधन था। अध्ययन-अध्यापन के साथ साथ स्वान्तःसुखाय के लिए निरंतर लेखन-कार्य करते रहें, किंतु रुचि को कभी प्रसिद्धी प्राप्ति ... See more
श्री फूलचंद यादव का जन्म बस्ती जिले के अहरा नामक गाँव के एक धार्मिक परिवार में हुआ था। इनकी प्राथमिक शिक्षा घर पर ही रामायण से हुई तथा सीधे चौथी कक्षा में एडमिशन हुआ। गोरखपुर विश्वविद्यालय से उच्चशिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् मगहर, संत कबीर नगर तथा जनता इंटर कॉलेज, लालगंज, बस्ती में अध्यापन कार्य करने लगें। अध्यापन के साथ-साथ टीचर वेलफेयर यूनियन, धर्म एवं समाज सेवा जैसे कई सामाजिक कार्यों से जुड़े रहें । 27 अगस्त, 2022 में इनका देहावसान हो गया। फूलचंद जी हृदय से कवि थे और गद्य मात्र वैचारिक साधन था। अध्ययन-अध्यापन के साथ साथ स्वान्तःसुखाय के लिए निरंतर लेखन-कार्य करते रहें, किंतु रुचि को कभी प्रसिद्धी प्राप्ति का ज़रिया नहीं बनाया। इनकी कविताओं में परिवार-प्रेम, देश-प्रेम, प्रकृति-प्रेम, ईश्वरीय-चेतना तथा मानवीयता सहज ही चित्रित है। बिना लाग-लपेट के सहज एवं प्रवाहात्मक शैली में गीत, गज़ल, मुक्त एवं छंदबद्ध कविताओं में जीवन-मूल्यों की स्थापना के प्रति अत्यंत सजग दिखाई देते हैं।