अक्षय साठ बरस की उम्र का एक अमेच्योर थियेटर अभिनेता है जो पिछले चालीस वर्षों से हिन्दी रंगमंच और बाद में टी.वी. और फ़िल्मों की मशहूर अदाकारा इरा की ज़िन्दगी और उसके सारे अभिनय कैरियर का एक अनुयायी की तरह अनुगमन कर रहा है। जब उम्र के उतार पर इरा का अभिनय कैरियर समाप्ति की ओर है तो अक्षय उसे एक वृद्धाश्रम में चैरिटी शो के रूप में एक नाटक करने के लिये निमंत्रित करता है- एक ऐसा नाटक जो उसने स्वयं लिखा है- अपने और इरा के वास्ते ही। उस नाटक की रिहर्सल के दौरान वो दोनों अपनी-अपनी ज़िन्दगी के बीते दिनों की बातें करते चलते हैं और एक अनजानी सी दोस्ती, एक अबूझ सी पीड़ा और एक अदीठ सी समझ उन दोनों के बीच उपजती है, जो अचानक ही उभर आई है, ... See more
अक्षय साठ बरस की उम्र का एक अमेच्योर थियेटर अभिनेता है जो पिछले चालीस वर्षों से हिन्दी रंगमंच और बाद में टी.वी. और फ़िल्मों की मशहूर अदाकारा इरा की ज़िन्दगी और उसके सारे अभिनय कैरियर का एक अनुयायी की तरह अनुगमन कर रहा है। जब उम्र के उतार पर इरा का अभिनय कैरियर समाप्ति की ओर है तो अक्षय उसे एक वृद्धाश्रम में चैरिटी शो के रूप में एक नाटक करने के लिये निमंत्रित करता है- एक ऐसा नाटक जो उसने स्वयं लिखा है- अपने और इरा के वास्ते ही। उस नाटक की रिहर्सल के दौरान वो दोनों अपनी-अपनी ज़िन्दगी के बीते दिनों की बातें करते चलते हैं और एक अनजानी सी दोस्ती, एक अबूझ सी पीड़ा और एक अदीठ सी समझ उन दोनों के बीच उपजती है, जो अचानक ही उभर आई है, जबसे वो दोनों साथ-साथ काम कर रहे हैं।