यह लघु उपन्यास के द्वारा मैं समाज को , युवा वर्ग को यह संदेश देना चाहतीं हूं कि विवाह जैसा पवित्र रिश्ता जिसमें हम बंधते है उसको केवल किसी आने वाली एक समस्या की तराजू पर नहीं तोलना चाहिए। समस्या बहुत बड़ी भी हो सकती है परंतु उसका ये अर्थ बिल्कुल नहीं है कि उस रिश्ते को ही खत्म कर दिया जाए, उपन्यास में काजल के सामने भी बहुत समस्याएं आती हैं अपने पति के द्वारा प्रेम न मिलना, पति का किसी ओर के साथ प्रेम प्रसंग होना, फिर भी खुद को उस मुकाम तक पहुंचने की हिम्मत काजल रखती है और अपने रिश्ते को एक मौका देने का प्रयास करती है।