भारतीय पौराणिक साहित्य का रत्न: अष्टावक्र गीता भारतीय पौराणिक साहित्य का अद्वितीय और मूल्यवान रत्न है।
अध्यात्म का शिरोमणि ग्रंथ: यह ग्रंथ अध्यात्म के शिरोमणि ग्रंथों में से एक है, जो मन, आत्मा, और ब्रह्मांड के विषय में अद्वितीय ज्ञान प्रदान करता है।
अष्टावक्रजी की कथा: अष्टावक्रजी बुद्धपुरुष थे और उन्हें आध्यात्मिक जगत में विशेष सम्मान और आदर प्राप्त है।
गीता में अनूठे वक्तव्य: इस ग्रंथ में अष्टावक्रजी के अनूठे वक्तव्य हैं जो किसी अन्य ग्रंथ में नहीं पाए जाते हैं।
प्रयोगसिद्ध वैज्ञानिक सत्य: अष्टावक्रजी द्वारा दिखाए गए वक्तव्य न केवल सैद्धांतिक हैं, बल्कि वे प्रयोगसिद्ध वैज्ञानिक सत्य हैं।
राजा ज�... See more
भारतीय पौराणिक साहित्य का रत्न: अष्टावक्र गीता भारतीय पौराणिक साहित्य का अद्वितीय और मूल्यवान रत्न है।
अध्यात्म का शिरोमणि ग्रंथ: यह ग्रंथ अध्यात्म के शिरोमणि ग्रंथों में से एक है, जो मन, आत्मा, और ब्रह्मांड के विषय में अद्वितीय ज्ञान प्रदान करता है।
अष्टावक्रजी की कथा: अष्टावक्रजी बुद्धपुरुष थे और उन्हें आध्यात्मिक जगत में विशेष सम्मान और आदर प्राप्त है।
गीता में अनूठे वक्तव्य: इस ग्रंथ में अष्टावक्रजी के अनूठे वक्तव्य हैं जो किसी अन्य ग्रंथ में नहीं पाए जाते हैं।
प्रयोगसिद्ध वैज्ञानिक सत्य: अष्टावक्रजी द्वारा दिखाए गए वक्तव्य न केवल सैद्धांतिक हैं, बल्कि वे प्रयोगसिद्ध वैज्ञानिक सत्य हैं।
राजा जनक और अष्टावक्रजी का संवाद: गीता में राजा जनक और अष्टावक्रजी के विचारों का संवाद विशेष महत्वपूर्ण है।
आध्यात्मिक ज्ञान का उपहार: यह पुस्तक आध्यात्मिक ज्ञान का अनमोल उपहार है, जो पाठकों को जीवन के महत्वपूर्ण सवालों का समाधान प्रदान करता है।