पुष्पेश पंत चार दशक से अधिक समय तक जवाहरलाल नेहरू विश्र्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के क्षेत्र में शोध करने के बाद डीन (स्कूल ऑफ इंटरनेशनल ) के पद से सेवानिवृत्त हुये। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर केंद्रित रेडियो तथा टेलीविज़न कार्यक्रमों में वह नियमित रूप से भाग लेते हैं। उनके लेख लगभग सभी प्रमुख हिंदी-अंग्रेजी पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। वह विदेश सेवा संस्थान और नेशनल डिफेंस कॉलेज जैसे संस्थानों में अतिथि व्याख्यान दे चुके हैं। भारत सरकार द्वारा, लेखक को "पद्मश्री" पुरुस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख विशेषज्ञ होने के साथ ही वे एक स्तंभ लेखक भी ह... See more
पुष्पेश पंत चार दशक से अधिक समय तक जवाहरलाल नेहरू विश्र्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के क्षेत्र में शोध करने के बाद डीन (स्कूल ऑफ इंटरनेशनल ) के पद से सेवानिवृत्त हुये। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर केंद्रित रेडियो तथा टेलीविज़न कार्यक्रमों में वह नियमित रूप से भाग लेते हैं। उनके लेख लगभग सभी प्रमुख हिंदी-अंग्रेजी पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। वह विदेश सेवा संस्थान और नेशनल डिफेंस कॉलेज जैसे संस्थानों में अतिथि व्याख्यान दे चुके हैं। भारत सरकार द्वारा, लेखक को "पद्मश्री" पुरुस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख विशेषज्ञ होने के साथ ही वे एक स्तंभ लेखक भी हैं, जिन्होंने अनेक प्रमुख प्रकाशनों जैसे फ़ोर्ब्स, ओपेन, आउटलुक, द टाइम्स ऑफ इंडिया तथा द ट्रिब्यून के लिए भी रचना की है।