श्रीमद्भगवद्गीता का ज्ञान कोई शाब्दिक चर्चा या सैद्धान्तिक ज्ञान नहीं बल्कि रणक्षेत्र में खड़े एक योद्धा के लिए कहे गए शब्द हैं। भगवद्गीता का जन्म किसी शान्त, मनोरम जंगल में नहीं, बल्कि कुरुक्षेत्र के मैदान में हुआ था। अर्जुन के सामने एक तरफ़ धर्म था तो दूसरी तरफ़ नात-रिश्तेदार और गुरुजनों का मोह। कृष्ण के समक्ष एक ऐसा हठी शिष्य था जो सुनने को राज़ी नहीं था क्योंकि अर्जुन का भी मन एक साधारण मन ही था। श्रीमद्भगवद्गीता के अठारह अध्याय कृष्ण द्वारा हठी अर्जुन को मनाने का प्रयास हैं। हमारी भी स्थिति अर्जुन से अलग नहीं है। हमारे भी जीवन में ऐसे क्षण आते हैं जहाँ निर्णय लेना आसान नहीं होता। यदि हमें कृष्ण का सा�... See more
श्रीमद्भगवद्गीता का ज्ञान कोई शाब्दिक चर्चा या सैद्धान्तिक ज्ञान नहीं बल्कि रणक्षेत्र में खड़े एक योद्धा के लिए कहे गए शब्द हैं। भगवद्गीता का जन्म किसी शान्त, मनोरम जंगल में नहीं, बल्कि कुरुक्षेत्र के मैदान में हुआ था। अर्जुन के सामने एक तरफ़ धर्म था तो दूसरी तरफ़ नात-रिश्तेदार और गुरुजनों का मोह। कृष्ण के समक्ष एक ऐसा हठी शिष्य था जो सुनने को राज़ी नहीं था क्योंकि अर्जुन का भी मन एक साधारण मन ही था। श्रीमद्भगवद्गीता के अठारह अध्याय कृष्ण द्वारा हठी अर्जुन को मनाने का प्रयास हैं। हमारी भी स्थिति अर्जुन से अलग नहीं है। हमारे भी जीवन में ऐसे क्षण आते हैं जहाँ निर्णय लेना आसान नहीं होता। यदि हमें कृष्ण का साथ नहीं मिला तो जीवन के कुरुक्षेत्र में हम हार ही जाएँगे क्योंकि कृष्ण के बिना जीत असम्भव है। The Bhagavad Gita is special because it is narrated in a very worldly, very practical setting. Bhagavad Gita is not a guru sitting under a shady banyan tree in the tranquil silence of a holy jungle, sermonizing to some pliant, obedient, willing student. Neither is the setting tranquil at all, nor is the sermon academic at all, and least of all is the student pliant and willing. It's a real-life setting in which you do not have the luxury of a formal podium, a formal appointment, a formal code of conduct. It's the war chariot, not the temple. There are armies around, not silent idyllic trees and cute animals, and the one being spoken to is a biased, emotional, and unwilling listener, not some keen student. Life and death depend on this discourse in the literal sense, not just figuratively. Therefore, this discourse has so much potency. Whether you are looking for the Bhagavad Gita in English, the Bhagavad Gita in Hindi, or other essential texts like the Mahabharata, Ashtavakra Gita - Acharya Prashant provides deep and meaningful interpretations. Acharya Prashant’s books are available in both Hindi and English, making them accessible to a wide audience.