9789352663064 : Secrets of Leadership | A Guide to Develop Effective Leadership Strategies & Tactics - Hindi Editionकार्य समूह (टीम) के बिना नेतृत्वकर्ता का कोई अस्तित्व नहीं है। दोनों एक साथ मिलकर समूह के भीतर पारस्परिक संबंध की रचना करते हैं। और समूह की सफलता इस बात निर्भर करती है कि दोनों—नेतृत्वकर्ता व कार्य समूह—कैसे एक साथ मिलकर काम कर पाते हैं। लेकिन ऐसा तब हो पाता है, जब कार्य-स्थल में नेतृत्वकर्ता व कार्यकर्ता के बीच का अस्वाभाविक असुरक्षा भाव खत्म हो जाता है और स्वाभाविक ‘मानवीय सुरक्षा-चक्र’ (ह्यूमन सेफ्टी सर्किल) का निर्माण होता है। फिर कार्य समूह के सदस्य एक-दूसरे पर भरोसा करने लगते हैं। उनके बीच आपसी सहानुभूति बढ़ती है। वे एक-दूसरे के लिए कुछ करने को तैयार हो जाते... See more
9789352663064 : Secrets of Leadership | A Guide to Develop Effective Leadership Strategies & Tactics - Hindi Editionकार्य समूह (टीम) के बिना नेतृत्वकर्ता का कोई अस्तित्व नहीं है। दोनों एक साथ मिलकर समूह के भीतर पारस्परिक संबंध की रचना करते हैं। और समूह की सफलता इस बात निर्भर करती है कि दोनों—नेतृत्वकर्ता व कार्य समूह—कैसे एक साथ मिलकर काम कर पाते हैं। लेकिन ऐसा तब हो पाता है, जब कार्य-स्थल में नेतृत्वकर्ता व कार्यकर्ता के बीच का अस्वाभाविक असुरक्षा भाव खत्म हो जाता है और स्वाभाविक ‘मानवीय सुरक्षा-चक्र’ (ह्यूमन सेफ्टी सर्किल) का निर्माण होता है। फिर कार्य समूह के सदस्य एक-दूसरे पर भरोसा करने लगते हैं। उनके बीच आपसी सहानुभूति बढ़ती है। वे एक-दूसरे के लिए कुछ करने को तैयार हो जाते हैं और उनके लिए कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं रह पाता है। यही है नेतृत्व का मानव-विज्ञान (ह्यूमन साइंस)। मानव विज्ञान यानी मानवीय मूल्यों पर आधारित नेतृत्व करनेवालों को बहुत अच्छी तरह से पता होता है कि स्वयं के ऊपर दूसरों की जरूरतों व हितों को स्थान देने की इच्छा ही नेतृत्व का सच्चा मूल्य है।
9789355629043 : You Are The Placebo: Making Your Mind Matter | Build Your New Brain Book in Hindiक्या दवाओं या सर्जरी के बिना सिर्फ विचार से ही ठीक होना संभव है? 'यू आर द प्लेसबो' पुस्तक में डॉ. जो डिस्पेंजा ने ऐसे कई प्रलेखित मामले साझा किए हैं, जिन्होंने प्लेसबो पर विश्वास करके कैंसर, हृदय रोग, अवसाद, अपंग, गठिया, यहाँ तक कि पार्किंसंस रोग को भी ठीक किया। इसी तरह डॉ. जो बताते हैं कि कैसे दूसरे लोग बीमार हुए या किसी जादू-टोने के अभिशाप के शिकार होकर, या घातक बीमारी का गलत निदान होने के बाद मर गए। विश्वास इतना मजबूत हो सकता है कि दवा कंपनियाँ नई दवाओं का मूल्यांकन करते समय शरीर पर मन की शक्ति को बाहर करने के लिए डबल-ट्रिपल-ब्लाइंड रैंडमाइज्ड अध्ययनों का उपयोग करती हैं।डॉ. जो प्लेसबो प्रभाव के इतिहास और शरीर विज्ञान का पता लगाने से कहीं ज्यादा करते हैं। वह सवाल पूछते हैं- 'क्या प्लेसबो के सिद्धांतों को सिखाना संभव है और किसी बाहरी पदार्थ पर निर्भर हुए बिना किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य और अंततः उसके जीवन में वही आंतरिक परिवर्तन उत्पन्न करना संभव है?' पुस्तक उन विश्वासों और धारणाओं को बदलने के लिए 'हो टू' ध्यान के साथ समाप्त होती है, जो हमें पीछे रखती हैं- उपचार में पहला कदम।