मेरी कलम से प्रिय पाठक वृंद, अपनी दूसरी पुस्तक 'वेणु मन की' को आपके समक्ष प्रस्तुत करते हुए मुझे अपार हर्ष हो रहा है। यह काव्य संग्रह मेरे मन का वह कोना है जिसमें भावों की एक नदी चुपचाप बहती रहती है। उसी नदी का अंश ये कविताएँ हैं। काव्य संग्रह में निहित कविताओं का उद्देश्य देशभक्ति के भावों के साथ-साथ निराशा को अपने मन में स्थान न देने के लिए प्रेरणा देना है। नैतिक मूल्यों और संस्कृति को बचाने का आह्वान करना भी मेरा उद्देश्य है। आशा करती हूँ मेरी कलम आपके दिल तक मेरी आवाज़ पहुँचा पाएगी। धन्यवाद लेखिका अलका सतीजा