श्री रमण महर्षि भारतवर्ष के सबसे अधिक वंदनीय एवं लोकप्रिय आध्यात्मिक मार्गदर्शक सदगुरुओं में से एक हैं, जिनका सीधा-सदा सन्देश है: अपनी सहज स्थिति में रहिये। उनकी महासमाधि के पचास से अधिक वर्ष बाद उनका ह्रदय स्पर्शी उपदेश दुनियाभर के निरंतर बढ़नेवाले जिज्ञासुओं का मार्गदर्शन कर रहा है। श्री महर्षि ने उदघोषित किया था : अपनी नित्य, स्वाभाविक, निर्विचार अवस्था में रहिये, इससे अधिक कुछ भी कहने की आवस्यकता नहीं है। सत्य तो यह है की उनका सर्वोच्च उपदेश सुक्ष्म ग्रहणशक्तिवाले, पक्वचित्त जिज्ञासुओं को मौन में दिया जाता था, जिसके दौरान वे अपनी शक्ति के प्रवाह को उनके सम्मुख बैठे हुए मनुष्यों में संक्रमित करके, जिस... See more
श्री रमण महर्षि भारतवर्ष के सबसे अधिक वंदनीय एवं लोकप्रिय आध्यात्मिक मार्गदर्शक सदगुरुओं में से एक हैं, जिनका सीधा-सदा सन्देश है: अपनी सहज स्थिति में रहिये। उनकी महासमाधि के पचास से अधिक वर्ष बाद उनका ह्रदय स्पर्शी उपदेश दुनियाभर के निरंतर बढ़नेवाले जिज्ञासुओं का मार्गदर्शन कर रहा है। श्री महर्षि ने उदघोषित किया था : अपनी नित्य, स्वाभाविक, निर्विचार अवस्था में रहिये, इससे अधिक कुछ भी कहने की आवस्यकता नहीं है। सत्य तो यह है की उनका सर्वोच्च उपदेश सुक्ष्म ग्रहणशक्तिवाले, पक्वचित्त जिज्ञासुओं को मौन में दिया जाता था, जिसके दौरान वे अपनी शक्ति के प्रवाह को उनके सम्मुख बैठे हुए मनुष्यों में संक्रमित करके, जिसमें वे निरंतर प्रतिष्ठित रहते थे, उस मुक्ति की अवस्था का सीधा प्रदान करते थे।