हिंदूधर्मकीरक्षाकेलिएपितागुरुतेगबहादुरजीकेदिल्लीमेंबलिदानकेबादमात्रनौवर्षकीआयुमेंगुरुगद्दीपरआसीनहोनेवालेगुरुगोबिंदसिंहजीकाएकहीसंकल्पथा 'सुभकरमनतेकबहूनटरों'।इसेसिद्धकरनेकेलिएउन्होंनेअनंतशक्ति 'सवालाखसोंएकलड़ाऊं"काआहवानकियाऔरविकारोंसेमुक्तसशक्तअंतरऔरअन्यायसेरहितधर्मानुकूलसमाजबनानेकेलिएखालसाकीसाजनाकी।विचारऔरआचारकीशुद्धताकोस्थापितकरनेमेंअपनापूराजीवनलगादेनेवालेगुरुगोबिंदसिंहजीकीगुरुशबदकीदेगऔरगुरुकृपाकीतेगदोनोंसाथ-साथचलींऔरएकअभूतपूर्वइतिहासबना।यहकैसेसंभवहुआइसेसमझनेऔरअहसासकरनेमेंयहपुस्तकसहायकहै।गुरुगोबिंदसिंहजीकेबरेमेंसमग्रदृष्टिप्रदानकरने... See more
हिंदूधर्मकीरक्षाकेलिएपितागुरुतेगबहादुरजीकेदिल्लीमेंबलिदानकेबादमात्रनौवर्षकीआयुमेंगुरुगद्दीपरआसीनहोनेवालेगुरुगोबिंदसिंहजीकाएकहीसंकल्पथा 'सुभकरमनतेकबहूनटरों'।इसेसिद्धकरनेकेलिएउन्होंनेअनंतशक्ति 'सवालाखसोंएकलड़ाऊं"काआहवानकियाऔरविकारोंसेमुक्तसशक्तअंतरऔरअन्यायसेरहितधर्मानुकूलसमाजबनानेकेलिएखालसाकीसाजनाकी।विचारऔरआचारकीशुद्धताकोस्थापितकरनेमेंअपनापूराजीवनलगादेनेवालेगुरुगोबिंदसिंहजीकीगुरुशबदकीदेगऔरगुरुकृपाकीतेगदोनोंसाथ-साथचलींऔरएकअभूतपूर्वइतिहासबना।यहकैसेसंभवहुआइसेसमझनेऔरअहसासकरनेमेंयहपुस्तकसहायकहै।गुरुगोबिंदसिंहजीकेबरेमेंसमग्रदृष्टिप्रदानकरनेवाली, राष्ट्रभाषाहिंदीमेंलिखीगईयहपहलीपुस्तकहैजोभावनाओंसेजोड़नेवालीहै।