9789355629043 : You Are The Placebo: Making Your Mind Matter | Build Your New Brain Book in Hindiक्या दवाओं या सर्जरी के बिना सिर्फ विचार से ही ठीक होना संभव है? 'यू आर द प्लेसबो' पुस्तक में डॉ. जो डिस्पेंजा ने ऐसे कई प्रलेखित मामले साझा किए हैं, जिन्होंने प्लेसबो पर विश्वास करके कैंसर, हृदय रोग, अवसाद, अपंग, गठिया, यहाँ तक कि पार्किंसंस रोग को भी ठीक किया। इसी तरह डॉ. जो बताते हैं कि कैसे दूसरे लोग बीमार हुए या किसी जादू-टोने के अभिशाप के शिकार होकर, या घातक बीमारी का गलत निदान होने के बाद मर गए। विश्वास इतना मजबूत हो सकता है कि दवा कंपनियाँ नई दवाओं का मूल्यांकन करते समय शरीर पर मन की शक्ति को बाहर करने के लिए डबल-ट्रिपल-ब्लाइंड रैंडमाइज्ड अध्ययनों का उपयोग करती हैं।डॉ. जो प�... See more
9789355629043 : You Are The Placebo: Making Your Mind Matter | Build Your New Brain Book in Hindiक्या दवाओं या सर्जरी के बिना सिर्फ विचार से ही ठीक होना संभव है? 'यू आर द प्लेसबो' पुस्तक में डॉ. जो डिस्पेंजा ने ऐसे कई प्रलेखित मामले साझा किए हैं, जिन्होंने प्लेसबो पर विश्वास करके कैंसर, हृदय रोग, अवसाद, अपंग, गठिया, यहाँ तक कि पार्किंसंस रोग को भी ठीक किया। इसी तरह डॉ. जो बताते हैं कि कैसे दूसरे लोग बीमार हुए या किसी जादू-टोने के अभिशाप के शिकार होकर, या घातक बीमारी का गलत निदान होने के बाद मर गए। विश्वास इतना मजबूत हो सकता है कि दवा कंपनियाँ नई दवाओं का मूल्यांकन करते समय शरीर पर मन की शक्ति को बाहर करने के लिए डबल-ट्रिपल-ब्लाइंड रैंडमाइज्ड अध्ययनों का उपयोग करती हैं।डॉ. जो प्लेसबो प्रभाव के इतिहास और शरीर विज्ञान का पता लगाने से कहीं ज्यादा करते हैं। वह सवाल पूछते हैं- 'क्या प्लेसबो के सिद्धांतों को सिखाना संभव है और किसी बाहरी पदार्थ पर निर्भर हुए बिना किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य और अंततः उसके जीवन में वही आंतरिक परिवर्तन उत्पन्न करना संभव है?' पुस्तक उन विश्वासों और धारणाओं को बदलने के लिए 'हो टू' ध्यान के साथ समाप्त होती है, जो हमें पीछे रखती हैं- उपचार में पहला कदम।
9789348402820 : Safalta Ke Sootra | A Guide To Building Good Thoughts To Boost Confidence And Motivationधर्म-ग्रंथ हमारे जीवन को सही दिशा में ले जाने वाले शाश्वत सत्य, नैतिक मूल्यों और धर्म उच्च आदर्शों का संग्रह हैं। चाहे वे किसी भी संस्कृति या धर्म से जुड़े हों, सभी धर्म- ग्रंथों का मूल उद्देश्य मानव को सत्तकर्म की ओर प्रेरित करना और जीवन में सच्ची सफलता का मार्ग दिखाना है। ये ग्रंथ हमें सिखाते हैं कि सत्य, अहिंसा, दया और क्षमा जैसे गुणों को अपनाकर हम न केवल अपने जीवन को श्रष्ठ बना सकते हैं, बल्कि समाज के कल्याण में भी योगदान दे सकते हैं।धर्म-ग्रंथ केवल आध्यात्मिक चिंतन ही नहीं हैं, बल्कि वे हमारे मानसिक, भावनात्मक और नैतिक विकास में भी सहायक हैं। इनमें दिए गए उपदेश जीवन के हर पहलू पर गहन दृष्टिकोण प्रदान करते हैं, जिससे हर व्यक्ति को अपनी रोजमर्रा की चुनौतियों का समाधान मिलता है।